पढ़े कैसे एक गांव वाला लड़का तमाम कठिनाइयों के बाद भी कैसे बना एक आईपीएस अफसर

दोस्तों इस मोटिवेशनल स्टोरी में हम बात कर रहे हैं एक ऐसे लड़के की जिसके गांव में कोई भी सुविधा नहीं होने के वाबजूद अपने सपने को पूरा किया।
तलवार भी तू ही , कलम भी तू ही,
ज़िंदगी को जीने का हथियार भी तू ही।|
हैं , तुझी पर निर्भर , तलवार से काटने की
या फिर कलम उठाके एक नई इमारत लिखने की। |
By Makardhwaz Maruttuly
हे अगर तुझ में दम , तो कर फासले को कम।
तेरे आगे बदकिस्मती भी झुकेगी , अगर हो तेरे हौसले में दम
By Makardhwaz Maruttuly
वह लड़का पढ़ने में थोड़ा ठीक-ठाक था तो किसी ने कहा इसे पढ़ने शहर भेज दो। उस लड़के ने क्लास सिक्स (वर्ग 6 ) में पहले बार जाना की ए फॉर एप्पल होता हैं किसी तरह उसने 12th पास किया। उसे बीएससी करनी थी लेकिन वो झा था वह बीएससी करने का कोई कॉलेज नहीं था तो वो दिल्ली चला गया। और दिल्ली में इधर - उधर घूमने लगा की कोई बीएससी में एडमिशन के लिए फॉर्म दे देगा ताकि वो एड्मिशन ले सके। तो वह लड़का दिल्ली के एक कॉलेज हंसराज में गया और फॉर्म काउंटर वाले से बोला सर मुझे बीएससी में एडमिशन के लिए फॉर्म दे दीजिये। तो उस काउंटर वाले ने उसे ऐसे देखा जैसे कोई जंगल से उठ के आ गया हो , वह काउंटर से बहार निकला और बोलै बेट कहा से आये हो ,लड़का बोलै (उप्र )UP से , काउंटर वाला बोला बेटा ये लो पैसे और वापस चले जाओ सामने रोड पे बस खरी हैं , उस काउंटर वाले न ही उससे मार्क्स पूछे न ही कुछ , वह लड़का रो पड़ा उसे अपने आप में शर्म , अपमान महसूस हुआ हुआ , वह लड़का बस पे चढ़के चला गया।
हज़ारो बार गिड़ेगा तू , लाखो बार हारेगा तू |
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अगर पानी हैं मंज़िल तो करोड़ो बार कोशिश करेगा तू ||
By Makardhwaz Maruttuly
दिल्ली में घूमने से उसे ये पता चल गया की सिर्फ बीएससी नहीं IIT , इंजीनियरिंग बहुत सारे कॉलेज के टएग्जाम होते हैं एडमिशन के लिए। उसने किसी तरह सब केफ्रॉम भरे और तैयार में लग गया। किसी तरह उसने बुक या उसको फोटो स्टेट करके तैयारी करने लगा। और रिजल्ट आने के बाद उसने वो सारे एग्जाम पास कर गया, लेकिन उसने एडमिशन IIT रूर्के में लिया। आज वह लड़का और कोई नहीं आईपीएस नवीनत सिकेरा (Navinet Sekera ) हैं। उनका कहना है टैलेंट कुछ नहीं होता जो भी होता हैं वो होता हैं जोश। अगर जोश हैं आपको काम करने का अपने सपने पुरे करने का तो टैलेंट चल के आएगा आपके पीछे।